Thursday, April 06, 2006
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम # 11
सहित महाहव मल्लम तल्लिक मल्लित रल्लक मल्लरते
विरचित वल्लिक पल्लिक मल्लिक भिल्लिक भिल्लिक वर्ग व.र्ते ।
सितक.र्त पुल्लिसमुल्ल सितारुण तल्लज पल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥
विरचित वल्लिक पल्लिक मल्लिक भिल्लिक भिल्लिक वर्ग व.र्ते ।
सितक.र्त पुल्लिसमुल्ल सितारुण तल्लज पल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥